Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2021 · 1 min read

कमल

दोहा

कमल
पद पंकज है जानकी,कमल सुकोमल नैन।
पति धर्म सिया पालती, संग रहे दिन-रैन ।।

अवध धरा है पावनी, रघुकुल पावन धाम।
अतुल वीर रघुनाथ जी, कमल नयन श्री राम ।।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर ( हि० प्र०)

Language: Hindi
415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
मैं कीड़ा राजनीतिक
मैं कीड़ा राजनीतिक
Neeraj Mishra " नीर "
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
3196.*पूर्णिका*
3196.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
*आई वर्षा खिल उठा ,धरती का हर अंग(कुंडलिया)*
*आई वर्षा खिल उठा ,धरती का हर अंग(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा-सुराज
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पिया - मिलन
पिया - मिलन
Kanchan Khanna
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
जीवन
जीवन
sushil sarna
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
उस रावण को मारो ना
उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
खुशी के पल
खुशी के पल
RAKESH RAKESH
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शासन हो तो ऐसा
शासन हो तो ऐसा
जय लगन कुमार हैप्पी
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
Dr Shweta sood
और क्या कहूँ तुमसे मैं
और क्या कहूँ तुमसे मैं
gurudeenverma198
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
विश्वास🙏
विश्वास🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बिजलियों का दौर
बिजलियों का दौर
अरशद रसूल बदायूंनी
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet kumar Shukla
घर बन रहा है
घर बन रहा है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
Neelam Sharma
Loading...