कमल की तरह जियो जीवन
कमल पुष्प का क्या कहना,
कीचड़ से बाहर निकलते हैं
कीचड़ से निर्लिप्त सदा
तालाब की शोभा बनते हैं
कमल पुष्प का क्या कहना
कीचड़ में भी खिलते हैं
कमल की तरह जियो जीवन
निर्लिप्त संसार की कीचड़ से
संसार सरोवर महक उठे
सद कर्मों की खुशबू से
सुरेश कुमार चतुर्वेदी