Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2024 · 1 min read

कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा

कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा,
पर किसे पता था कि वो बस ख़्वाहिशों का धुंआ होगा।
आवाजें दी तूने जिन गलियों से, ना जाने कितनी बार,
आज ढूँढू भी तो जाने तू अब कहाँ होगा।
मेरे दिल का एक टुकड़ा आज भी वहाँ होगा,
तेरी साँसों संग दफ़्न तेरा हर निशाँ जहां होगा।
कभी खिड़कियों पर मुस्कुराती थी सपनों की जो किरणें,
आज बस धूल की परतों और वीरानगी से सामना होगा।
वो एहसास जो तन्हा हाथों को भी साथ से भर देते थे कभी,
उनकी गुमशुदगी का सबब, खामोशी में बयां होगा।
कभी चिट्ठियां अपनेपन की आती थी जिस पते से,
वहाँ बेगानी नज़रों में सवालों का कारवां होगा।
कभी आवाजें सुनने को हवाएं तरसती थी जहां,
मेरे ठहरे क़दमों को अनसुना करता एक सारा जहां होगा।

1 Like · 58 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

- जीवन की यह रेलगाड़ी -
- जीवन की यह रेलगाड़ी -
bharat gehlot
बड़ी मुद्दतों के बाद
बड़ी मुद्दतों के बाद
VINOD CHAUHAN
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
...
...
*प्रणय*
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
शायर की जुबां में बोलूँ अगर
gurudeenverma198
शुभारंभ करें
शुभारंभ करें
Namita Gupta
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हे गुरुवर !
हे गुरुवर !
Ghanshyam Poddar
दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
दर्द भी तू है,हमदर्द भी तू है।
Rj Anand Prajapati
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
एक दिन थी साथ मेरे चांद रातों में।
सत्य कुमार प्रेमी
हाँ हम ऐसे ही बाल दिवस मनाते है - डी. के. निवातिया
हाँ हम ऐसे ही बाल दिवस मनाते है - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
शीर्षक -एक उम्मीद आशा की
शीर्षक -एक उम्मीद आशा की
Sushma Singh
त्याग
त्याग
मनोज कर्ण
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उस रात .....
उस रात .....
sushil sarna
हॅंसी
हॅंसी
Paras Nath Jha
कुछ  गीत  लिखें  कविताई  करें।
कुछ गीत लिखें कविताई करें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
आसान जिंदगी
आसान जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मन नही है और वक्त भी नही है
मन नही है और वक्त भी नही है
पूर्वार्थ
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
अदब से उतारा होगा रब ने ख्बाव को मेरा,
Sunil Maheshwari
"अनुभूति प्रेम की"
Dr. Kishan tandon kranti
"नाम तेरा होगा "
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
दुनिया देखी रिश्ते देखे, सब हैं मृगतृष्णा जैसे।
आर.एस. 'प्रीतम'
जिंदगी की राह में हर कोई,
जिंदगी की राह में हर कोई,
Yogendra Chaturwedi
खत ए ईश्क
खत ए ईश्क
Sonu sugandh
तुम मुझे भूल जाओगी
तुम मुझे भूल जाओगी
Akash Agam
Loading...