कभी सोचे क्या
ये दुनिया चल रही किसके सहारे कभी सोचे क्या ?
आप जी रहे किसके लिए कभी सोचे क्या ?
ये तारे चमक रहे किसके लिए कभी सोचे क्या ।
ये बादल बरस रहे किसके लिए कभी सोचे क्या ।
पौधे झूम रहे मस्ती मे किसके लिए कभी सोचे क्या ।
नदियां बहती चली जा रही धारा मे किसके कभी सोचे क्या ।
हम ये झगड़े कर रहे किसके लिए कभी सोचे क्या ।
लोग हमे कहते है क्या कभी इसके बारे मे सोचे क्या ।
हम धूप गर्मी सह काम करते है किसके लिए कभी सोचे क्या ।
ये मां हमे गलत काम करने से रोकती है कभी सोचे क्या ।
पिता कभी डांट मार लगा देते है किसके लिए कभी सोचे क्या ।
जीवन का हमारा लक्ष्य क्या है इसके विषय मे कभी सोचे क्या ।
हम क्यो पढते है इसके बारे मे कभी सोचा क्या ।
सिगरेट के धुंआ उङाते है ठीक है या नही कभी सोचे क्या ।
ये गप्पे मार रहे है किसके लिए कभी सोचे क्या ।
वो लड़की हमे देखकर हँसती है कभी सोचे क्या ।
वो हमसे क्या कहना चाहते है कभी सोचे क्या ।
कोरोना वायरस क्यो फैल रहा इसके बारे मे सोचे क्या ।
स्वच्छ रहने को क्यो कहते है लोग कभी सोचे क्या ।
मै इतना कुछ लिख रहा हूं किसके लिए सोचे क्या ।
मेरे बच्चे(परिजन) क्या कर रहे कभी सोचे क्या ।
मै ये सोचने के लिए कह रहा हूं कभी सोचे क्या ।
क्योंकि मुझे मालूम है यह वाक्य ” यथा सोच – तथा परिणाम ”
क्योंकि मुझे ज्ञात है ” यथा दृष्टि – तथा सृष्टि ”
हंसिया क्या बया करती है कभी सोचे क्या ।
कोई फैसला लेने से पहले सोच सोचकर सोचे क्या ।
सोच ही किसी लक्ष्य तक पहुंचने की पहली सीढ़ी है ।
बस कर्म करते रहो आगे मंजिल की ही देहरी है ।।
जोश मे हम होश क्यो खोते है कभी सोचे क्या ।
अगर आप सोच लेंगे ये सब तो फिर सोचने की नही है जरूरत ।
भगवान् कौन है कभी सोचे क्या ।
स्वामी विवेकानंद को मरने पर भी लोग क्यो याद करते है कभी सोचे क्या ।
नही तो फिर सोचिए कभी सोचा क्या ।
□■ RJ ANAND PRAJAPATI □■