कभी वो करती है तकरार
कभी वो करती है तकरार
कभी प्यार बेशुमार |
कभी वो पायल की झंकार
कभी वो चंडी का अवतार |
कभी श्रृंगार बेशुमार
उसके नखरे हैं हज़ार |
कभी चढ़ जाता उसे बुखार
कभी वो खुशियों का संसार |
कभी वो ग़मों का विस्तार
कभी हो जाती पवन बयार |
कभी वो पतझड़ सी बेजार
कभी वो लगती सुन्दर नार |
उसकी हंसी लाजवाब
उसकी मुस्कराहट पर हम निसार |
कभी चूड़ियों की झंकार
करती कभी गृहमंत्री सा व्यवहार |
उसका मुझ पर एतबार
उसकी चाहत हो जाती त्यौहार |
उसकी मतवाली चाल
कर देती मुझको बेहाल |
घर को वो कर देती जन्नत
मैं भी करता उसके लिए मन्नत |
उसे मुझसे मुहब्बत बेशुमार
मैं भी करता प्यार बेशुमार |
उसका घर उसका संसार
यही है स्वर्ग का द्वार |
कभी वो करती है तकरार
कभी प्यार बेशुमार |
कभी वो पायल की झंकार
कभी वो चंडी का अवतार |
कभी श्रृंगार बेशुमार
उसके नखरे हैं हज़ार |
कभी चढ़ जाता उसे बुखार
कभी वो खुशियों का संसार |