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15 Jul 2022 · 1 min read

कभी मिलोगी तब सुनाऊँगा

रोज़ आती हो तुम खयालों में।
हर जवाबों में हर सवालों में।
टूटता तन बदन तनहाई में।
याद आती हो हर अंगड़ाई में।
हर परछाईयों में तुम दिखती,
तड़प अपनी तुम्हें दिखाऊंगा।
लिखा है दर्द दिल का पन्नों पर,
कभी मिलोगी तब सुनाऊँगा।

(मेरी रचना का अंश)

✍️ मुन्ना मासूम

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 291 Views

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