कभी मिलोगी तब सुनाऊँगा
ख़ुश्क आँखों से अश्क़ बहते हैं।
तेरी चाहत है, हमसे कहते हैं।
धड़कता दिल है रोता सीने में।
जाऊँ मंदिर में या मदीने में।।
है तनहा ज़िन्दगी अज़ाब मेरी,
कब तलक ऐसे मैं जी पाऊँगा।
लिखा है दर्द दिल का पन्नों पर,
कभी मिलोगी तब सुनाऊँगा।
✍️ मुन्ना मासूम