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4 Jan 2024 · 1 min read

कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना

कभी मज़बूरियों से हार दिल कमज़ोर मत करना
सफ़र काँटों भरा हो पर ग़ुलों को याद कर चलना
बड़ी हो सोच मानव की हिला कोई नहीं सकता
जहाँ बरगद वहाँ तरु और की फ़ीकी रहे तुलना

आर.एस. ‘प्रीतम’

1 Like · 587 Views
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