कभी न दिखावे का तुम दान करना
जीवन का इतना
सम्मान करना
कभी न स्वयं पर
अभिमान करना।
कर्तव्य तेरा हो
उद्देश्य-ए-जीवन।
देश पर प्राणों का
बलिदान करना।
इससे बड़ा है
नहीं दान कोई
हृदय के तल से
क्षमादान करना।
पुन्य का केवल
साक्षी हो ईश्वर।
कभी न दिखावे का
तुम दान करना।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद