कभी तो मुस्कुराया करो
हर समय गलतियाँ ना गिनाया करो
देखकर हमे कभी तो मुस्कुराया करो
रात को तुम्हे डर लगे कभी अगर तो
चुपके से तुम ख्वाबो मे आ जाया करो
जन्म ये जो मिला है बडी विनतो से
वक्त मां बाप के संग बिताया करो
घाव सबको अपने ना दिखाया करो
झूठ से दामन हमेशा बचाया करो
अपनो को खुश रखने की चाह मे
खुद की हंसी ना भुल जाया करो
मोहन अकेलापन महसूस हो कभी
फिर कलम को जरिया बनाया करो
मोहन बाम्णिया पानीपत