कभी जमीं कभी आसमां बन जाता है।
कभी जमीं कभी आसमां बन जाता है।
इश्क ए सनम सारा जहां बन जाता है।।1।।
बड़ा कठिन होता है मोहब्बत निभाना।
इश्क में इंसा क्या से क्या कर जाता है।।2।।
जहां-जहां पर इश्क परवान चढ़ता है।
वहां-वहां पर इश्के निशां रह जाता है।।3।।
मां की दुआओं में जो हमेशा रहता है।
यूं खुदा उसका निगहबां बन जाता है।।4।।
सब से ही ना दुश्मनी किया करो तुम।
सफर में फिर इंसा तन्हा रह जाता है।।5।।
बेअदबी किसी से भी ना की जाती है।
वर्ना फिर इंसा बदजुबां कह लाता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ