“कभी कमजोर का कोई सहारा नहीं बनता”
कभी कमजोर का कोई सहारा नहीं बनता।
बिना बहाव की नदियों का किनारा नहीं बनता।
जिंदगी से हारते है वो जो बुजदिल होते है।
यूँ बिखरने वाला अपनों का प्यारा नहीं बनता।
कभी कमजोर का कोई सहारा नहीं बनता।
है मतलबी ही सही पर अपना यार तो है।
बिना दोस्तों के जीवन का गुजारा नहीं बनता।
गलतिया माफ़ करना भी जीने की इक अदा है।
यूँ ही जहां में कोई हमारा नहीं बनता।
कभी कमजोर का कोई सहारा नहीं बनता।
@सर्वाधिकार सुरक्षित
मनीष कुमार सिंह ‘राजवंशी’
असिस्टेंट प्रोफेसर(बी0एड0)
स0ब0 पी0जी0 कॉलेज
बदलापुर, जौनपुर