कभी-कभी
जिंदगी की राहों में
मिल जाते हैं कुछ अजनबी,
दिल कहता है
मान लें उनको
अपना हमराह,हमसफर.
नजर आने लगता है
आंखों में उन की
एक रूहानी ख्वाब..
अजीब सी कशिश होती है,
खिंचे चले जाते हैं
उनकी तरफ़ बेसबब हम.
तलाश होती है इस मन को जिसकी.
जलने लगता है
दिल में एक दीप नेह का
मंद मंद रोशनी में जिसके
पाँव बड़ी शिद्दत से
बड़ जाते हैं उस ओर
जल तरंग सी बजने लगती है
मन में,
और एकाकार हो जाते हैं हम
मेरा मन, उनका मन
बस मैं और वो
फ़िर, हम ही हम!!!!
हिमांशु Kulshreshtha