कभी कभी जिद्दी,,
कभी कभी जिद्दी होना भी अच्छी बात है
क्योंकि कहते है ना की जो काम हम
सो बार सोचने पर भी नही कर पाते
वो काम हम अपने जिद् में कर जाते है
लेकिन जिद ऐसी होनी चाहिए
जो सामाज को एक नया आईना दिखा सको
जो गलत है उसे गलत कह सको
चाहे वो फिर किसी बड़े पद पर
बैठा इंसान ही क्यों ना हो
उसको उसकी असलियत दिखा सको
जिद ऐसी कि किसी खोये हुए
को अपनो से मिला दो
जिद् ऐसी की,किसी की तक़दीर बन जायें
जिद् ऐसी की खरा पानी भी मीठा कर जाए
जिद करो कुछ सही करने के लिए
ना कि सही को गलत करने के लिए।
श्री रावत,,,,