कभी कभी कहना अच्छा होता है
हँस के कहो या रो के कहो
गुस्से से कहो या चिल्ला के कहो
धीरे से कहो या मौन से कहो
दुख से कहो या खिल्ला के कहो
कहते तो अपने मन की होना
फिर क्यों कहे पर रोना धोना
जाने दो कह दिया सो कह दिया
अब उसका कैसा शिकवा कैसा गिला
कहे पर क्यों कर रहे इतना मलाल
कहे पर न करो अपना यूँ बुरा हाल
न कहते तो शायद छटपटाते
पिंजरे में क़ैद शब्द पंख फड़फड़ाते
कहते वही जिनका मन सच्चा होता है
कभी कभी कहना अच्छा होता है
रेखांकन।रेखा
२४.११.२४