कभी उदास मत होना
कभी उदास मत होना,
इस जीवन पथ पर कभी जाए अगर हाथ छूट,
किसी का साथ होना,
भ्रम मात्र है, छलावा है,
दुनियादारी महज़ दिखावा है,
मैं रहूँगी साथ हमेशा तुम्हारे क़रीब,
रहूँगी तुम्हारे दिमाग़ में विचार बनके,
जब कभी बाहर धूप में चाय की चुस्की लोगे,
जब कभी किसी बड़े पेड़ के नीचे दिखेगी तुम्हें नन्ही कली,
जब कभी दिखेगी कोई चिड़िया नाचती हुई
जब कभी दिखेगी कोई तितली फूल को तंग करती सी,
जब नीचे जाकर चिल्लाओगे चाबियों के लिए,
जब भूल जाओगे रुमाल पलंग पर,
जब गिला तौलिया बिस्तर पर फैलाओगे,
जब दवाई अपनी खानी भूल जाओगे,
जब जुराबें ढूंढ़ते झल्लाओगे,
जब सामने पड़ी चीज़ें देख नही पाओगे,
यक़ी मानों, होगी पास ही में मैं कहीं,
महसूस करोगे, बस देख नही पाओगे,
तब उदास मत होना,
करना महसूस मुझे,
तब स्मृति नही यथार्थ बना कर साथ रखना,
उदास मत होना,
तुम देना मुझे अमृत्व और अपने पास रखना…