कभी इश्क तो कभी इंकलाब गाना है
दिल अपना अजब सा कारखाना है, इसे
कभी इश्क तो कभी इंकलाब गाना है
छोटी सी बात है मुझे हर शय से प्यार है
पलकों पे ख़्वाबों का उम्दा सा फ़साना है
दिल को जलाने का शौक मुझे बेशुमार है
अब इसे पुर्दिल किस को और क्यूँ बताना है !
…पुर्दिल