Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2024 · 1 min read

कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम…

कब तक लड़ते-झगड़ते रहेंगे हम…
कब अमन-चैन से जी सकेंगे हम…
मिलेंगे कब जीवन में सुकून के क्षण?
ज़िंदगी जीने का असली मज़ा होगा तब,
जब जाति-धर्म के भेदभाव ऊपर उठकर
सिर्फ़ हिंदुस्तानी ही कहला पाएंगे हम!!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
“दो अपना तुम साथ मुझे”
“दो अपना तुम साथ मुझे”
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
तअलीम से ग़ाफ़िल
तअलीम से ग़ाफ़िल
Dr fauzia Naseem shad
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
gurudeenverma198
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
पंकज परिंदा
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
Mukesh Kumar Sonkar
दस्तूर
दस्तूर
Davina Amar Thakral
आओ सजन प्यारे
आओ सजन प्यारे
Pratibha Pandey
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं
कवि दीपक बवेजा
भक्ति गीत (जय शिव शंकर)
भक्ति गीत (जय शिव शंकर)
Arghyadeep Chakraborty
पिछले पन्ने 5
पिछले पन्ने 5
Paras Nath Jha
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
My luck is like sand
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कल की भाग दौड़ में....!
कल की भाग दौड़ में....!
VEDANTA PATEL
*षडानन (बाल कविता)*
*षडानन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"𝗜 𝗵𝗮𝘃𝗲 𝗻𝗼 𝘁𝗶𝗺𝗲 𝗳𝗼𝗿 𝗹𝗼𝘃𝗲."
पूर्वार्थ
आप नौसेखिए ही रहेंगे
आप नौसेखिए ही रहेंगे
Lakhan Yadav
या खुदा तू ही बता, कुछ शख़्स क्यों पैदा किये।
या खुदा तू ही बता, कुछ शख़्स क्यों पैदा किये।
सत्य कुमार प्रेमी
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के प्रपंच
कवि रमेशराज
" पीरियड "
Dr. Kishan tandon kranti
किसे फर्क पड़ता है
किसे फर्क पड़ता है
Sangeeta Beniwal
..
..
*प्रणय प्रभात*
जय हो माई।
जय हो माई।
Rj Anand Prajapati
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
Loading...