कब तक चुप रहूंगी
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फिल्म – कब तक चुप रहूंगी। स्क्रिप्ट – रौशन राय का
मोबाइल नंबर – 9515651283 / 7859042461
तारीक – 19 – 12 – 2021
मां – देख बेटा तु ही मेरा संसार है तु ही मेरा दौलत मैं तुझे कुछ होते देखती हूं तो पल पल मरती रहती हूं । इसलिए अगर अपना ख्याल न तुझे आये । तों कम से कम अपनी मां का ख्याल जरूर रखना इसलिए अपने तबियत का ध्यान रख मेरे लाल मुझे तु बेमौत न मार
कृष्णा – ठीक है मां तुम जैसे कहती हैं मैं वैसे ही करुंगा और मां से कहके वो अपना बांसुरी लिया और जंगल के ओर चल दिया और अपने दिल का दर्द बांसुरी के स्वर से निकालने लगा
कृष्णा के बांसुरी के धुन को सुनकर जैसे प्राकृतिक रोने लगा चिड़िया जानवर फुल लता सब के सब उदास हो गया दिशाएं सुना लगने लगा इस दस दिन में कृष्णा को राधा से इतना गहरा प्रेम हों गया की उनके बांसुरी की धुन और सारा वातावरण ही बता रहा था।
मां बेटा के वियोग में खाना पिना छोड़ दिया
उधर राधा का बस अपने गति से चलने लगा और लड़कियां राधा से कहने लगी की राधा तुम्हें ऐसा नहीं लगा की कृष्णा को तुमसे प्यार हों गया
राधा – हो सकता है
सहेली – और तुझे
राधा – अभी तक तो मुझे ऐसा फिल नहीं हुआ है
सहेली – तुझे कृष्णा कैसा लगा
राधा – बहुत अच्छा बहुत भोला और वो बांसुरी तो कमाल का बजाता है मुझे तो सच में उनके बांसुरी के धुन से प्यार हो गया
सहेली – उनसे
राधा – नहीं
सहेली – क्यों
राधा – पता नहीं
दुसरी सहेली – अरे तुम जानती नहीं हो कृष्णा गरीब और पढ़ा लिखा कम होगा
राधा – ऐसी कोई बात नहीं है जब किसी से प्यार होता है तो प्यार अमीर गरीब या पढ़ा लिखा नहीं देखता प्यार हो गया तो हो गया । लेकिन जब प्यार होगा तब
चौथी सहेली – अब तो हम सबका काॅलेज का लास्ट शाल हैं फिर हम लोग कहा मिलेंगे और कहां नहीं
राधा – जीवन और समय को कोई नहीं समझ सका की ये दोनों हम मनुष्य को कहा कब और कैसे ले जाएगा
वक्त का पहिया से हम सफर करते रहते हैं और कोई अपनै खोया हुआ संयोग से मिल जाता है उस पल में जैसे हम सौ साल जी लेते हैं
सहेली – राधा पढ़ाई तो खत्म होने ही वाली है फिर क्या करोगी।
राधा पढ़ाई पुरा होने के बाद मैं वहीं करुंगी जो मेरे पापा कहेंगे ।
दुसरी सहेली – पढ़ाई के बाद तो मां बाप को सिर्फ बेटी का शादी करना ही दिखाई देता है । वो चाहते हैं की हमारे बेटी की शादी हो जाये तो मैं गंगा नहा लूं
राधा – अगर हमारे पापा का यही हुक्म होगा तो मैं यही करुंगी
(ऐसे कई प्रकार के बातें और हंसी मजाक करते अपने काॅलेज और घर के लिए चले आते बस का सफर पुरा होता है और काॅलेज पर आकर रुकती है
सब लोग अपने अपने सामान को बस डिक्की से निकाल कर प्रिंसिपल साहब से आज्ञा लेकर सब अपने अपने घर जाने लगें रानी और रीता भी राधा को बाय कहके चलने लगी तो बोली
सहेली – राधा तेरी कार तो अभी नहीं आया तो क्या करेगी
राधा – वो आ गई मेरी भी कार
ड्राइवर – कार लेकर राधा के पास आया
राधा – देरी क्यों हुआ
ड्राइवर – साहब का तबियत खड़ाब हो गया है बड़ी मुश्किल से आया हूं
राधा घबरा गई और बोली जल्दी चलो ड्राइवर भी कार को थोड़ा तेजी में बढ़ाया जिससे राधा जल्दी ही अपने घर पहुंच गई और बिना देर किए अपने पापा के पास पहुंची तों देखी की पापा नौर्मल हैं
राधा – क्या हुआ पापा आपको
पापा – बेटा वही हार्ट का परेशानी
राधा – अब कैसे हैं
पापा – अब ठीक हूं बेटा
राधा – कब हुआ दर्द चालू आप समय पर दवा नहीं खाए होंगे
पापा – बेटा दवा तो समय पर ही लिया किन्तु दवाई खाने के समय उल्टा हो गया। सुबह वाला शाम और शाम वाला सुबह हो गया
राधा – वो सेट पापा आप भी
पापा – कोई बात नही मेरी गुड़िया अब मैं ठीक हूं।
राधा – पापा आपको अगर कुछ हो जाता तो मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहती सब यही कहते की बिमार बाप को छोड़कर गई थी पिकनिक मनाने के लिए।
पापा – ना ना मेरी बेटी इतना तो कोई मां अपने बच्चों का ख्याल नहीं रखती जितना तु अपने पापा का रखती है ।
राधा – अभी आप कैसा महसूस कर रहे हैं
पापा – एकदम सही महसूस हो रहा है थोड़ा सा भी दिक्कत नहीं है
तब तक ड्राइवर समान लेके आ गया
राधा – क्या ड्राइवर साहब आप हमारे पापा का ध्यान नही रखें
ड्राइवर – वो तो मैडम जी हमारे मालिक और आपके पिता जी ही बता सकते की मैं इनका ध्यान रखा की नही
पिंकनिक से आने के बाद आज से काॅलेज में पढ़ाई शुरू हो गया । सारे बच्चों के सामने
प्रिंसिपल साहब – ने कहा राधा मैं तुम से न पुछकर गलती क्या है और तुम पर वे वजह शक किया की तु कहीं उस कृष्णा से प्यार न कर बैठो अगर ऐसा हो जाता तो मैं तुम्हारे पापा को क्या जवाब देता । लेकिन बेटा तुम नेक निकली और मैं गलत इसलिए मैं आज सबके सामने तुम से माफी मांगता हूं और मुझे तुम से माफी मांगने में थोड़ा भी संकोच नहीं हो रहा है बल्कि मुझे अभियान हों रहा है की मैं तो प्रिंसिपल हूं
राधा – सर ये क्या कह रहे हैं आप हमसे माफी मांगते हैं पर क्यों सर किस लिए आपने तो वहीं किया जो एक जिम्मेदार व्यक्ति करते हैं आप पर हम सब का भार था आपने बिना मुझे कुछ कहें लौट आए और किसी को कुछ कहने भी नहीं दिये । सर आपके जैसे और भी शिक्षक अपना जिम्मेदारी समझने लगे तो हमें उम्मीद है की किसी भी मां बाप को अपने बेटी का चिंता नहीं होगा सर।
मैं अपने आप को भाग्यशाली मानती हूं की मैं आपका छात्रा हूं । यदि आप को हमारे बात से थोड़ा भी तकलीफ हुआ हो तो मैं आपसे हाथ जोड़ कर सबके सामने माफी मांगती हूं और आप जो भी सजा देंगे वो मुझे मंजूर होगा । आप हमारे गाड़जीयन हैं सर हमारे गुरु है आप । और गुरु शिष्य से माफी मांगे तों अनर्थ हो जाएगा
प्रिंसिपल साहब राधा की बात सुनकर आत्मविभोर हो गये और राधा के ज्ञान की तारीफ किये
और पुछे तुम्हारे पिता जी का तबियत कैसा है
राधा – ठीक है लेकिन उनका तबियत परसों बहुत खड़ाब हो गया था वो उल्टा पुल्टा दवा खा लिए थे
फिर क्लास हुआ और छुट्टी के समय प्रिंसिपल साहब राधा के पिता डोंगरा साहब से मिलने पहुंचे
उनका हाल समाचार लेने के बाद बोले
प्रिंसिपल साहब -डोंगरा साहब आप की बेटी नहीं आपका बेटी वो पुण्य पुंजी हैं जिसका जोर बड़ी मुश्किल से मिलता हूं आपके बेटी के रूप में स्वयं सरस्वती आपके घर जन्म ले लिया है
डोंगरा साहब – प्रिंसिपल साहब क्या बात है जो आप हमारे बेटी के प्रशंसा का पुल बांधे जा रहें हैं
प्रिंसिपल साहब – डोंगरा साहब आपके बेटी ने तो सबके सामने अपने पिता के दिये संस्कार को इस तरह से दिखाई और समय समय पर दिखाती जिसको देखकर हर मां बाप राधा को जैसे सौ बेटी भी जाये तो उसको किसी चीज का चिंता नहीं होगा।
डोंगरा साहब – आप हमारे बेटी की प्रसंशा करते हैं और वो आपके प्रसंशा किये थक नहीं रही थी की आपने कैसे अपना जिम्मेदारी निभाएं वो तो कह रही थी की पापा सारे बच्चों को अपने बच्चों से ज्यादा प्यार करते हैं हमारे प्रिंसिपल साहब
प्रिंसिपल साहब आपको हमारे तरफ से बारम्बार धन्यवाद
की आपने हमारे समेत बच्चों का पिता बनकर गये और अपना फर्ज निभाया
दोनों जन में बहुत देर तक बात हुआ और प्रिंसिपल साहब डोंगरा साहब से आज्ञा लेकर अपने घर गये।
अब राॅकी ने देखा की चेहरे पर नकाब लगाने से राम पुर में राधा हमें पहचानी नहीं तो अब हम यहां पर इसके इज्जत की ऐसी तैसी करके ही छोड़ेंगे राॅकी इस फिराक में लग गया की ये अकेले कब निकलती है
और उन्हें मौका मिल गया एक दिन राधा का ड्राइवर किसी कारण वश डियुटी पर नहीं आया तो राधा खुद ड्राइव कर काॅलेज आई उस दिन राॅकी एक घंटा पहले सर में दर्द का बहाना कर सर से छुट्टी लेकर काॅलेज से निकल कर आगे उस रास्ते पर पहुंच गया जिस रास्ते से राधा अपने घर को जाति । राॅकी भेष बदलकर रास्ते में राधा का इंतजार कर रहा था छुट्टी हुए और अपने सहेलियों को बाय कहके राधा अपने घर के लिए निकलीं और रास्ते में राॅकी एक नंगड़ा बुढ़ा बना राधा से लिफ्ट मांगा
राधा संस्कारी लड़की थी उसने बुजुर्ग समझ कर गाड़ी रोक दी और उसे बैठने के लिए बोल दिया
राॅकी गाड़ी में बैठ गया और जैसे ही गाड़ी को आगे बढ़ाया की राॅकी राधा के कमर में बंदुक सटा दिया और बोला जैसे और जिधर मैं तुम्हें कर रहा हूं तुम गाड़ी उधर ले चलो और वो वेष बदला राॅकी राधा को एक खंडहर के ओर ले गया।
राधा – तुम चाहते क्या हो
राॅकी – तुम्हारा जिस्म में कमल के जैसा खिला बदन
राधा – क्या बकवास करता है
राॅकी – बकवास नहीं साली तुझे चढ़वी कुछ ज्यादा ही हो गया है आज सारे चढ़वी को पिघला कर तुझे मोम बना दुंगा चल गाड़ी से उतर कहके बंदुक जोड़ से दवाने लगा
राधा – डर के मारे गाड़ी से उतर गई और राॅकी से मिन्नतें करने लगी। भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं , तुम्हारे पैर पड़ती हूं
राॅकी – राधा को कई थप्पड़ मारता है और कहता है न तेरी मिन्नत का असर होगा और न तुझे आज कोई बचाने आयेगा यहां पर । चल साली कपड़े उतार
राधा – नहीं मैं कपड़े नहीं उतारूंगी
राॅकी नहीं उतारेंगी तो मैं खुद ही उतार देता हूं और राधा को को थप्पड़ मारते हुए राधा का कपड़े फाड़ देता है और जमीन पर गिरा कर उस पर चढ़ जाता है
राधा जैसे ही बचने के लिए उसका बाल पकड़ता है की उसका नकाब राधा के हाथ में आ जाता है
राॅकी तु कुता हराम जादा छोड़ मुझे नहीं तों तेरी खैर नहीं
राधा छपपटाति हुई जोड़ जोड़ से आवाज लगा कर शोर करने लगी
उस खंडहर में विशाल नाम का एक आदमी जो लड़कियों को काम देने को कहके लाता था और दो महीने उनके उपर बोली लगा कर रुपया कमाता था और लड़की का सौदा करता फिर जब वो ढ़ीली हो जाती तब उसे कोठे पर बेच देता जिससे वो लड़की उस वेश्यावृत्त के दलदल से कभी लौटकर अपने घर नहीं आती
वही विशाल राधा का आवाज सुना तो आगे बढ़कर देखा तो एक लड़का एक लड़की को जबरदस्ती बालात्कार करने की भरपूर कोशिश कर रहा है
विशाल जैसे ही वहां पर पहुंचा की राॅकी भाग गया विशाल राधा के करीब आकर शराफत का नकाब पहनकर बोला आप कौन हैं और ये लड़का कौन था जो आप से बतमिजी की हदें पार कर गया था आप का रहन सहन तो बड़े घरानों का लगता है पर ये सब क्या है और ये कार किसका है
राधा रोते हुए बोली ये हमारे काॅलेज का लड़का है राॅकी इसका नाम है
विशाल – तो क्या आप दोनो में प्यार हैं
राधा – नहीं
विशाल – तो आखिर माजरा क्या है वो आपके साथ जबरदस्ती क्यों कर रहा था
राधा – वो जबरदस्ती इसलिए कर रहा था हमारे काॅलेज के प्रतियोगिता में हर साल हमारे टीम को एक नंबर मिलता है और इनका टीम हार जाता है और ये पढ़ने में भी कमजोर है सारे बात राधा विशाल को बता देती है
विशाल – आप हैं ही इतनी सुन्दर की किसीका भी मन की चैन चुड़ा लेती है।
खैर छोड़िए इन बातों को कल मैं आ रहा हूं आपके काॅलेज पर इस लड़के को सजा दिलवाने और चलिए मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूं
और अपना शर्ट उतार कर राधा को पहना दिया और अपने बाहों में भर कर चलने लगा और राधा भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की क्योंकि विशाल भी खूब सुरत था शायद राधा को विशाल से प्यार हो गया । जब विशाल चलने लगा तो राधा कहती है की ये मेरा ही कार है । राधा जैसे स्टेरिंग पर बैठने लगती है तो विशाल कहता है की आप बुरा न मानें तो मैं ड्राइव कर आपके घर छोड़ दूं
राधा – हुं में सर हिलाती है
विशाल तो बी एम डब्ल्यू कार देखकर चौंक जाता है और वो मन ही मन सोचने लगा की जिसके पास ऐसी महंगी गाड़ी हैं उसके पास और कितना दौलत होगा और पुछता है
विशाल – आपके घर में और कौन कौन हैं
राधा – और कोई नहीं बस मैं और मेरे पापा साथ में दो नौकर
विशाल – आपकी मम्मी
राधा – वो तो हमारे जन्म के कुछ दिन बाद ही मर गई कैंसर के बिमारी से
विशाल – साॅरी राधा जी