— कब तक चलेगा ऐसा —
दुनिया का आना जाना लगा रहेगा
कोई आएगा, कोई चला जाएगा
किसी की अर्थी जाएगी
किसी की नई दुनिया बन जाएगी !!
किसी को कफ़न भी नसीब ना होगा
किसी की अर्थी पर मेवा डाला जाएगा
कोई किसी के हाथों से मारा जाएगा
कोई बेगुनाह सूली पर चढ़ाया जाएगा !!
पढ़ा लिखा यहाँ सड़क पर धक्के खायेगा
बेसम्झ लोगों को सरकारी दफ़्तर में बिठाया जाएगा
कोई यहाँ देश को लूट कर ले जायेगा
कोई धन की खातिर चोर उचक्का बन जाएगा !!
उपर वाला ना जाने कब ये सम्झ के जोर लगायेगा
अपनी तरह से इस दुनिया को सही तरह चलवायेगा
ढकोसला करने वालो को कब तक राह पर लायेगा
जो लूट कर ले गये देश को, कब उनको जेल डलवायेगा !!!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ