Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2020 · 1 min read

कब आओगे ? ( खुदा को सदाएं देता एक गमगीन दिल …)

मेरी जिंदगी को भंवर से बचाने ए खुदा !
कब आओगे बनकर तुम मेरे नाखुदा ।
मै हूँ परेशान हाल और गमों से सरोबर ,
मेरी टूटी हुई कश्ती को किनारा दो दिखा ।
मेरा छलनी है सीना रफीकों से ,जी हाँ !
सिर्फ तुम्हें ही ये जख्म सकती हूँ दिखा।
मुझे मेरी ही तलाशों ने जीतेजी मार दिया ,
अब तुम्हीं मेरी मंज़िल को दो दिखा ।
हर सु अश्क बहाते बुझ गए चश्म चिराग ,
बुझती हुई शमा को एक झलक दो दिखा ।
अब क्या तुम मेरे डूबने के बाद आओगे ?
तुम कोई पत्थर तो नहीं हो न मेरे खुदा !

2 Likes · 2 Comments · 358 Views
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

इसका क्या सबूत है, तू साथ सदा मेरा देगी
इसका क्या सबूत है, तू साथ सदा मेरा देगी
gurudeenverma198
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
Rambali Mishra
चंद्रयान
चंद्रयान
Meera Thakur
" गपशप "
Dr. Kishan tandon kranti
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
तू मेरे सपनो का राजा तू मेरी दिल जान है
कृष्णकांत गुर्जर
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
पूर्वार्थ
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
ऐसा वर दो हे वीणावादिनी ©डॉ. अमित कुमार दवे, खड़गदा
अमित कुमार दवे
सफ़र जिंदगी के.....!
सफ़र जिंदगी के.....!
VEDANTA PATEL
श्वासों का होम
श्वासों का होम
श्रीकृष्ण शुक्ल
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
रोपाई
रोपाई
Ashok Sharma
ਕੁਝ ਕਿਰਦਾਰ
ਕੁਝ ਕਿਰਦਾਰ
Surinder blackpen
राहों से हम भटक गए हैं
राहों से हम भटक गए हैं
Suryakant Dwivedi
सारी उपमा
सारी उपमा
Priya Maithil
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
Keshav kishor Kumar
■ शुभ महानवमी।।
■ शुभ महानवमी।।
*प्रणय*
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
कुछ लोग घूमते हैं मैले आईने के साथ,
Sanjay ' शून्य'
रसगुल्ला गुलकंद
रसगुल्ला गुलकंद
RAMESH SHARMA
इज़्ज़त
इज़्ज़त
Jogendar singh
व्हाट्सएप युग का प्रेम
व्हाट्सएप युग का प्रेम
Shaily
चुनाव के दौर से (नील पदम् के दोहे)
चुनाव के दौर से (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
साँवरिया
साँवरिया
Pratibha Pandey
मन की बात
मन की बात
Rituraj shivem verma
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
*लव इज लाईफ*
*लव इज लाईफ*
Dushyant Kumar
3072.*पूर्णिका*
3072.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...