कबि
कबि क्यों कलिकाल मे कुंठित है क्योंकि
कलुषित कविता करता ।
कोरी कल्पित कलुषित कविता कलिकाल के कबियों कीं कृतियां ।
कहुं कैसै कि काब्य कै कुंजन की कबि कंठ की कवितायें कलियां।
रस अलंकार बिन पिंगल के केवल कागज काला करता ।
कबि क्यों कलिकाल की कुंठित है क्योंकि कलुषित कबिता करता