— कपड़े और चेहरे —
कपडे और चेहरे
अक्सर झूठ बोल दिया करते हैं
इंसान की असलियत तो
वकत ब्यान कर देता है !!
पहरावा कितना बढ़िया हो
लोग चेहरे पर नकाब ओढ़ लेते हैं
वक्त के तकाजे से वो सब
मजबूर हो जाया करते हैं !!
वकत से भला क्या छुपा है
जो सब झूठ बोल देते हैं
झूठ को याद रखना पड़ता है
जबकि सत्य से सब मुंह फेर लेते हैं !!
कपड़े और चेहरे से नकाब उठाओ
वकत की धारा संग बहते जाओ
आये बड़े बड़े शूर वीर योध्हा यहाँ
सब वकत की मार से तिलमिलाए !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ