कन्यादान का वास्तविक अर्थ
कन्यादान का वास्तविक अर्थ
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
कन्यादान शब्द पर समाज में गलतफहमी पैदा हो गयी है और अकारण भ्रांतियाँ उत्पन्न की गई हैं। समाज को यह समझने की जरूरत है कि कन्यादान का मतलब संपत्ति दान नहीं होता और न ही लड़की का दान।
कन्यादान का वास्तविक मतलब गोत्र दान होता है। कन्या पिता का गोत्र छोड़कर वर के गोत्र में प्रवेश करती है। पिता कन्या को अपने गोत्र से विदा करता है और कन्या के उस पैतृक गोत्र को अग्नि देव को दान कर देता है। वर अग्नि देव को साक्षी मानकर कन्या को अपना गोत्र प्रदान करता है और अपने गोत्र में स्वीकार करता है। इसे ही कन्यादान कहते हैं।