*कदर ना कर सके मेरी वफाओं का*
कदर न कर सके मेरी वफाओं का
हवाएं विपरीत चली तो,
तुमने साथ छोड़ा।
जख्म मिले हजार तो,
तुमने भी दिल तोड़ा।
कदर न कर सके,
मेरी वफाओं का।
पल में पर्दा गिराया,
अपनी बेवफाई का।
निभाया साथ ना,
जमाने के जैसे।
बिना तेरे अब,
मुस्कुराऊ कैसे।
फरियाद लेकर,
जाऊ कहां।
जख्मी हालत मैं,
छुपाऊ कहां।
कृष्णा मानसी
(मंजु लता मेरसा)
31/03/2024