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28 Apr 2019 · 1 min read

कटु वचन

शीर्षक – कटु वचन
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वाणी एक दोधारी तलवार की तरह है।
उचित प्रयोग करे तो अच्छा,नहीं तो बुरा।
अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
ज्ञान की बातें सहेजकर रखते है।
कब कैसे क्या बोले पता नहीं।
जुबान फिसली तो रुका नहीं।
मन की शांति बनाकर रखिए।
जो भी बोलिए प्रेम से बोलिए।
छोटी सी जीभ,बड़े बड़े कहर ढा दे।
लड़ाई झगड़े छोड़के, अमन चैन दिला दे।
संयम शीतल भाव से, सादगी झलका दे।
मीठे वचन बोलके, प्रेम के रस पिला दे।
वाणी का वरदान, मानव को मिला है।
वाणी से ही मिठास उतपन्न होता है।
वाणी से ही दूसरे को ठेस पहुंचता है।
इसे कैसे इस्तेमाल करें,आपको पता है।
*********************************
रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बिलाईगढ़,बलौदाबाजार (छ.ग.)
‌मो . 812058782

Language: Hindi
1 Like · 339 Views
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