कटुक-वचन
कटुक-वचन
दुनिया वालों,तुम मिल दीप जलाओ |
कटुक वचन तुम छोड़ो, समय हमारे पास नहीं |
जीवन बीत रहा मुट्ठी बंद रेत सा,
चादर तानो प्यार की, कुढ़ने को कुछ खास नहीं ||
ये सत्य ! धैर्य परीक्षा लेता जीवन की,
पर कहने को कुछ भी मेरे पास नहीं |
कटुक वचन तुम छोड़ो, समय हमारे पास नहीं ||
दुनिया चपल चंचला बन बैठी है,
अब तो ऐसे में अपनों से भी आस नहीं |
जग की रीत यही है यारों,
रोने वालों के संग कोई पास नहीं |
कटुक वचन तुम छोड़ो, समय हमारे पास नहीं ||
जीवन की सार्थकता निहित इन्हीं में,
सेवा, प्रेम और सत्यता बाकी कुछ भी खाश नहीं |
जीवन दीप झिलमिल करता जग में,
कर्म तुम्हारे साथ रहेंगे सत्य यही,कोई परिहास नहीं ||
कटुक वचन तुम छोड़ो, समय हमारे पास नहीं |
दुनिया वालों,मिल दीप जलाओ समय हमारे पास नहीं ||
समय हमारे पास नहीं………………….