#कटाक्ष
#कटाक्ष
😀 घोड़े से मंहगी घिसाई…
【प्रणय प्रभात】
अजब मुल्क़ है साहब हमारा।
महज 5 रुपल्ली में भरपेट भोजन
जबकि
10 रुपैया में सुलभ सेवा!
मतलब,
नेशनल पर भारी इंटरनेशनल।
घोड़े से मंहगी घिसाई,
नाक से भारी नथनी।
तभी कहा गया है शायद,
“खाएगा इंडिया तो जाएगा इंडिया!!”
जय दीनदयाल (कमल वाले)।
जय हो आपकी रसोई।।
■प्रणय प्रभात■