Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,

कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
हर पत्थर दिल इंसा उतना भी बुरा नहीं होता है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
गीत
गीत
Shiva Awasthi
ऐ महबूब
ऐ महबूब
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
ज़िंदगी जी तो लगा बहुत अच्छा है,
ज़िंदगी जी तो लगा बहुत अच्छा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
Sushila joshi
" तिलिस्मी जादूगर "
Dr Meenu Poonia
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
2951.*पूर्णिका*
2951.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
DrLakshman Jha Parimal
रज़ा से उसकी अगर
रज़ा से उसकी अगर
Dr fauzia Naseem shad
-- दिखावटी लोग --
-- दिखावटी लोग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मुश्किलें
मुश्किलें
Sonam Puneet Dubey
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
हर महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि
Shashi kala vyas
मेरी फितरत
मेरी फितरत
Ram Krishan Rastogi
मन में एक खयाल बसा है
मन में एक खयाल बसा है
Rekha khichi
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
ज़रूर है तैयारी ज़रूरी, मगर हौसले का होना भी ज़रूरी
ज़रूर है तैयारी ज़रूरी, मगर हौसले का होना भी ज़रूरी
पूर्वार्थ
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
gurudeenverma198
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
Rituraj shivem verma
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
प्यार की भाषा
प्यार की भाषा
Surinder blackpen
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
गुप्तरत्न
Loading...