कइसन बीमारी छै1
कइसन तो कोरोना बीमारी रे।
बहुत बोड़ो तोय अत्याचारी रे।
आँखी से टप टप लोर टपके छै
भूख से गरीब के पेट हुहके छै।
जब से तो दुनिया में आलो छै ।
सब लोग के केतना सतालो छै।
बुतुरु के पढ़ाई करि देलही बन्द।
धंधा सबके करि देलही तो बन्द।
कोरोना तो कइसन बीमारी छी।
बहरूपिया नयर रूप बनावे छी।
जब से आयलो लोगक द्वारी में
गरीब गुरवाके भुखले सुताली रे।
न जाने केतना के माँग उजाडली रे
न जाने केतना बुतरू टुवर करली रे।
सभी मिली दिये छियो तोरा गारी रे।
जो जूवन पीटटा कोरोना बीमारी रे।