Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 1 min read

कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए

कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए।
कुछ देर मुहब्बत का सफर रहने दीजिए।

करते हो मुझे तुम भी प्यार मेरा जैसा ही
जमाने को यह झूठी खबर रहने दीजिए।

मांगा है मैने तुमको दुआओं में रात -दिन
कुछ देर इबादत का असर रहने दीजिए।

ले लीजिए खुशियां सभी मेरे हिस्से की
गम अपने सारे मेरे इधर रहने दीजिए।

कि जिसपे बना रखा है चिड़ियों ने बसेरा
मत काटिए वह बूढ़ा शजर रहने दीजिए।
– एड. रमाकान्त चौधरी

135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
राम हमारे श्याम तुम्हारे
राम हमारे श्याम तुम्हारे
विशाल शुक्ल
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
Rj Anand Prajapati
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
Ravikesh Jha
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सु
सु
*प्रणय*
नव वर्ष की बधाई -2024
नव वर्ष की बधाई -2024
Raju Gajbhiye
अंधेर नगरी
अंधेर नगरी
Dr.VINEETH M.C
*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
*चिड़िया और साइकिल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सुविचार
सुविचार
Sanjeev Kumar mishra
3474🌷 *पूर्णिका* 🌷
3474🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अनर्गल गीत नहीं गाती हूं!
अनर्गल गीत नहीं गाती हूं!
Mukta Rashmi
आग और पानी 🙏
आग और पानी 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साँस रुकी तो अजनबी ,
साँस रुकी तो अजनबी ,
sushil sarna
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
क्या खूब
क्या खूब
Dr fauzia Naseem shad
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
मैं अपने बारे में क्या सोचता हूँ ये मायने नहीं रखता,मायने ये
Piyush Goel
पसीने वाली गाड़ी
पसीने वाली गाड़ी
Lovi Mishra
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
डॉ० रोहित कौशिक
National Cancer Day
National Cancer Day
Tushar Jagawat
नया साल
नया साल
umesh mehra
🙏😊🙏
🙏😊🙏
Neelam Sharma
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
विरक्ती
विरक्ती
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
तू नर नहीं नारायण है
तू नर नहीं नारायण है
Dr. Upasana Pandey
Loading...