और मैं अकेला
नव वर्ष की बेला,
और मैं अकेला,
जिनसे मिला उर,
वही हैं आज दूर,
पूस की हैं रात,
हुई न हैं बात ,
चहुँओर हैं जश्न,
झूम रहे है जन,
हम करते याद,
रब से फरियाद,
आ जाए वे मित्र,
जिनके बसे चित्र,
फिर होगा नव वर्ष,
छाएगा नव हर्ष,
।।जेपीएल।।।