ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
ग़ज़ल
काफिया- अड़ की बंदिश
रद़ीफ- बैठ गया
1212/1122/1212/22
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
ख़ुदा के नाम पे तू क्यों झगड़ के बैठ गया।1
हमारे देश का माहौल है सियासी बहुत,
जो बेवज़ह ही जहां चाहा लड़ के बैठ गया।2
ये बात उसकी कहां थी उसे बताओ कभी,
जफ़ा के नाम पे वो सिर पे चढ़ के बैठ गया।3
शरीफ़ आदमी के बस की राजनीति कहां,
चुनाव होने के पहले वो हड़ के बैठ गया।4
ये इश्क मुश्क भी है सबके बस की बात नहीं,
न कुछ हुआ तो वो चुपचाप तड़ के बैठ गया।5
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी