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28 Aug 2016 · 1 min read

और न कुछ भी चाहूँ | अभिषेक कुमार अम्बर

और न कुछ भी चाहूँ
तुझसे बस इतना ही चाहूँ।
अपने हर एक जन्म में
सिर्फ तुझको ही माँ में पाऊं।
और न कुछ भी चाहूँ।

लाड़ प्यार से मुझको पाला
पिला पिला ममता का प्याला।
गिरा जब जब में तूने संभाला
तुझसे है जीवन में उजाला।
माँ तेरे बलिदान को में
शत् शत् शीश नवाऊँ।
और न कुछ भी चाहूँ।

हर पल मेरी चिंतारहती
मेरे लिए दुःख दर्द है सहती।
रहे सदा खुश मेरा बेटा
सिर्फ यही एक बात हैकहती।
क़र्ज़ बहुत है तेरा मुझपर
कैसे इसे चुकाऊं।
और न कुछ भी चाहूँ।

माँ मेरी ममता की मूरत
ईश्वर की लगती हैसूरत।
एक अगर जो साथ माँ दे तो
नहीं किसी की मुझे जरुरत।
तेरे खातिर मेरी माँ में तो
कुछ भी कर जाऊँ।
और न कुछ भी चाहूँ,
अपने हर एक जन्म में
सिर्फ तुझको ही माँ में पाऊं।

©अभिषेक कुमार अम्बर

Language: Hindi
522 Views

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