और क्या है
मुहब्बत की सियासत और क्या है
बिना इसके हकीकत और क्या है
चलो बचके सड़क पर मनचलों से
बुजुर्गों की नसीहत और क्या है
हमेशा को नहीं रहते जवाँ सब
जवानी की हरारत और क्या है
छुपे से प्यार करना और मिलना
इसके सिवा मुहब्बत और क्या है
बगावत रोज खुद से ही करेगे
युवाओं की मुसीबत और क्या है
लगी है आग जेहन में तभी तो
सिवा तेरे मुहब्बत और क्या है
मिला है ईश का वरदान सबको
प्यार को छोड़ जन्नत और कहाँ है
जगी है प्यास पीने की हलक तक
सभी की है न हिम्मत और क्या है
जरा उन आशिकों से पूछ लेना
लुटाया खुद लगी जब लत और क्या है
जुदा वो हो गया खुद से बिछड़ के
जवानी लौं जली खत और क्या है