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8 Sep 2019 · 1 min read

और आज ही के दिन मेरा गला बैठा है

एक चहचहाता हुआ परिंदा मरा बैठा है
उधर से मत जाना एक दिलजला बैठा है
मसला ये है के महफिल में शेर पढ़ना है मुझे
और आज ही के दिन मेरा गला बैठा है

Language: Hindi
249 Views
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