औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
जब चेते तब देर भई। पथ में शूल ही शूल।
मित्र -हितैसी छूट गए, तुलना की तराजू में।
तुलना कर-कर छोड़ दिया, बचा न कोई बाजू में।
औरन को परखन चले, खुद की चिंता भूल।
जब चेते तब देर भई। पथ में शूल ही शूल।
मित्र -हितैसी छूट गए, तुलना की तराजू में।
तुलना कर-कर छोड़ दिया, बचा न कोई बाजू में।