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7 Jun 2023 · 1 min read

औरत

तुम संपन्नता हो,
हर्षोल्लास हो,
जीवन की प्रगति हो,
जीवित होने का एहसास हो।
तुम जाया हो,
तुम जननी हो।
तुम ही ब्रह्मांड,
तुम ही अवनि हो।
गर्भ भी तुम,
उत्पन्न भी तुम।
आदि भी तुम,
और अनंत भी तुम।
माई भी तुम,
भाई की कलाई भी तुम।
नर भी तुम,
नारी भी तुम।
शक्ति भी तुम,
किलकारी भी तुम।
इतर न प्रारंभ,
न भीतर कोई अंत।
कालचक्र की अथक प्रहरी,
तुम शून्यता सी अनंत।

Language: Hindi
1 Like · 344 Views

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