औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
जो है सृष्टि की सबसे अनमोल कृति हे ईश्वर!
महत्ता दिखलाती वो अनेकों क़िरदार निभाकर,
आज नहीं रह गई वो बस साज-श्रृंगार की मूरत,
खुद को प्रमाणित किया जिसने चाॅंद पे चढ़कर!!
…. अजित कर्ण ✍️