औरत कि जिदंगी कि डोर
कई लरिया से बंधी मेरी जिदंगी कि डोर थी.
ख्वाब में सजी उम्मीद कुछ ओर थी
रिश्तों में बंधी मेरी जिंदगी की एक अलग ही छोर थी.
कई लरियो में बंधी में मेरी जिंदगी की डोर थी.
कुछ उम्मीदे थी कुछ ख्वाब थे.
कुछ अपनो के सपने थे.
उन सपनों को पुरा करने की मेरी मेहनत की एक अलग हि जोर थी.
कई लरियो से बंधी मेरी जिंदगी की डोर थी.
मेरी रिश्ते मेंरी जिम्मेदारी थे.
उन जिम्मेदारी को पुरा करने कि मेरी लगन कुछ और थी.
कई लरियो से बंधी मेंरी डोर थी.
कभी माँ तो कभी बेटी तो कभी बहन तो कभी बहु
ईन रिश्तो को बनाऐ रखने कि उम्मीदें मुझसे बहुत खूब थी.
कई लरियो से बंधी मेरी ज़िंदगी डोर थी.