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4 Dec 2020 · 1 min read

औरत का किरदार

सरल नहीं होता संसार में आकर
औरत का किरदार निभाना,
इतनी हिम्मत, सहनशक्ति कहां से लाती?
पराएं घर से आती,पराएं घर में जाती,
हर हाल में सभी कर्त्तव्यों को हंसकर निभाती,
अपने गमों का किसी से जिक्र भी नहीं करती,
चेहरे पर हंसी और आंखों में छिपे आंसू, जन्म से अंत तक,
परिक्षाओं से गुजरना,
पास हो गए तो सफल गृहणी,
कहीं गलती हुई तो…….???
न जाने क्या- क्या ,,,
सम्मान के खातिर परिक्षाओं में
पास होना पड़ता है,
– सीमा गुप्ता

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 631 Views
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