Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2020 · 1 min read

औदादे निकम्मी सरकार सी

*** औलादें निकम्मी सरकार सी ****
*****************************

औलादें निकम्मी होने लगी सरकार सी
अपनों को ही करने लगी दरकिनार सी

मुश्किलों से हो गुजर परवरिश करते हैं
बुढ़ापे में कुटुंब में हो समझ व्यापार सी

माँ खुद भूखी रह के पेट भरे संतान का
भंवर में छोड़े ,साहिल बिन पतवार सी

जीवन की पूँजी गवां बनते मोहताज से
शस्त्र बिना जैसे सैनिक लड़े लाचार सी

बूढ़ी आँखें बन बेसहारा सहारा ढूंढती
सहारे हैं छूटते जैसे छत बिन दीवार सी

मनसीरत हाल देख औलाद का बेचैन
उखड़ते हैं दरख्त,झौंका जरा बयार सी
*****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
508 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

आईने में ...
आईने में ...
Manju Singh
भगवान भी रंग बदल रहा है
भगवान भी रंग बदल रहा है
VINOD CHAUHAN
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
" SHOW MUST GO ON "
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
उम्मीद की नाव
उम्मीद की नाव
Karuna Goswami
अस्तु
अस्तु
Ashwani Kumar Jaiswal
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
आपकी सोच
आपकी सोच
Dr fauzia Naseem shad
4010.💐 *पूर्णिका* 💐
4010.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" इन्द्रधनुष "
Dr. Kishan tandon kranti
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
इश्क़ और चाय
इश्क़ और चाय
singh kunwar sarvendra vikram
चांद तो चांद ही
चांद तो चांद ही
shabina. Naaz
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
छठपूजा
छठपूजा
Sudhir srivastava
शिकायतों के अंबार
शिकायतों के अंबार
Surinder blackpen
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
तुम छा जाते मेरे दिलों में एक एक काली घटा के वाई फाई जैसे।
तुम छा जाते मेरे दिलों में एक एक काली घटा के वाई फाई जैसे।
Rj Anand Prajapati
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
Ravi Prakash
भजन- कावड़ लेने आया
भजन- कावड़ लेने आया
अरविंद भारद्वाज
रक्त एक जैसा
रक्त एक जैसा
Dinesh Kumar Gangwar
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
#व्यंग्य वाण
#व्यंग्य वाण
Rajesh Kumar Kaurav
👌ग़ज़ल👌
👌ग़ज़ल👌
*प्रणय*
बिरखा
बिरखा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...