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22 Dec 2020 · 1 min read

ओ हमनवां यारा

ओ हमनवा यारा मेरे , एक शाम उधार दे दे
जिन्दगी फिसल रही , एक शाम बहार दे दे
बीत गये सावन अनेक , पर तू छिपा कहाँ
मृगनयनी सी भटकूँ मैं , ढ़ूढूँ तुझे यहाँ वहाँ

पलक मेरे रहे उन्मीलित , बस निहारू तुम्हें
तू मैं हो जाए और मैं तू , रूप संवार दे दे

अम्बर अवनि सम मेल , बन जाऊँ क्षितिज
छटके मन उर्मि छटा , पुलक बन्ध शिथिल
जीवन पाये आकार , ऐसा बन जा साहिल
नयन में रहे मंजर तेरा , बन जा ते साहिब

अधर मेरे रहे अधखुलित , जो पुकारू तुम्हें
नीर पयसम मिल जाऊँ , इश्क ज्वार दे दे

Language: Hindi
70 Likes · 580 Views
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