ओ ! बादल बरस जा प्यारे
ओ बादल बरस जा प्यारे ।
हम सब तेरी राह निहारें ।।
देख मेरा गया सावन सूखा ।
बारिश बिना उत्सव रूखा ।।
कहाँ गए ओ बादल प्यारे ।
धरती प्यासी सब पुकारे ।।
आया है राखी का त्यौहार ।
बरसाकर पानी दे दो उपहार ।।
नदी नाले सब ताल तलैया ।
सूखे से कर रहे ता ता थैया ।।
खेत देख रहें किसान बेहाल ।
लौटा दो खुशियाँ गोपाल ।।
गाँव बाहर हो चुके भण्डारे ।
बरस जाओ बादल प्यारे ।।
धैर्य अब टूट रहा सुनो पुकार ।
जल ही जीवन है करो उद्धार ।।
—-जेपीएल