ओ बादल तू जल्दी बरस
ओ बादल तू आ जल्दी बरस,
धरती पुत्र रहे कब से तरस,
बरस हर बरस क्यों नही बरसता,
तड़प तड़प क्यों हमको तड़पाता,
जल रही धरा,
देख ले जरा,
कब से ताक रहे आसमान,
कब पूरे होंगे हमारे अरमान,
प्रकृति भी कर रही पुकार,
कर दे सब पर इतना उपकार,
आ जा लेकर घटाए काली,
गरीबों की खाली है थाली,
मोर भी कही चले गए,
पपीहे भी कही खो गए,
बरस कर दे दो हरयाली,
आशीष देकर भर दो झोली,
मन हर्ष उठेगा,
तन झूम उठेगा,
गीत सब खुशी के गाएंगे,
हरे भरे पेड़ हो जाएंगे,
।।।।जेपीएल।।।