ओ पंछी रे
#ओ पंछी रे
ओ पंछी रे______गगन प्यारे,
सुर में_____मीठे गीत सुना रे,
हो गई बेसुरी_____धरती धरा,
जुबानी नरों को__स्वर सुना रे,
ओ पंछी रे________गगन प्यारे,
राग रागिनी________ऐसी गा रे,
सुनाकर___मानव जीवन सुधार रे,
सुनकर नर__बेजुबानो पर दया करे,
ओ पंछी रे_________गगन प्यारे,
वन नदियां के साथ__शहरों में भी गा रे,
भरी भिडो में____कई जन गुमसुम है,
उनके अंदर______परोपकार जगा रे,
ओ पंछी रे__________गगन प्यारे,
धरती के_________हर आंगन जा रे,
कु कु **चिव चिव **चहक के __ गा रे,
सुने हुये____आंगन गांवों को महका रे,
ओ पंछी रे_______गगन प्यारे………
स्वरचित मौलिक
कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.