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2 Aug 2017 · 1 min read

ओस की बुन्दे

सितारों की है चमक
मोती सा है लगता
मोल नहीं कोई अनमोल है
सुंदर भेंट है कुदरत का,
कैसे बखान करूँ उसकी
जुगनू की तरह है लगता
कभी आकाश में रहते
कभी फूलों पर है गिरता,
पहले अक्सर दिखाई देते
अब कभी कभार नजर आते
तकनीकी युग में नजाने कंहा
खो गया प्यारी ओस की बुन्दे!

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 515 Views
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