ऑनलाइन से पढ़ाई
ऑनलाइन से सब भईल जात बा
अब त पढ़ाई रसातल में जात बा,
टीवी मोबाईल पर चेप्टर आ जात बा
घर बईठल पढ़ाई हो जात बा;
खाली फ़ोटो पर फ़ोटो खिंचात बा
डेली रिपोर्ट स्कूल के भेजात बा ;
डायरेक्टर -डीओ के संदेश भेजात बा
एपीओ -डीपीओ से रिपोर्ट मँगात बा ;
अंत में सब काम ,बीओ पर आ जात बा
उपयोगिता में खाली प्रभारी धरात बा ;
कॉपी- क़िताब लइकन के ऑनलाइन मिल जात बा
और पोषाहार के पईसो खाता में आ जात बा ;
ऑनलाइन पढ़के बच्चा स्कूल न जात बा
स्कूल व मास्टर के नाम भूल जात बा ;
देखते – देखत साल बीत जात बा
तुरंते परीक्षा सिर पर आ जात बा ;
जवना के चेप्टर न मालूम उ फ़र्स्ट हो जात बा
गुरु -शिष्य परम्परा अब मिटले जात बा ;
मंगरु कतवारू के लईका पढ़े न आत बा
साइकिल-पोशाक खातींन ऊहो लड़ जात बा ;
पढ़ते-पढ़त कभी लाइन कट जात बा
जिओ-एयरटेल के नेट भाग जात बा ;
मम्मी- पापा के मोबाइल पर नाचों देखात बा
एगो-दूगो अच्छा बाकि सब बिगड़ल जात बा ;
फोने मोबाईल पर बात बढ़ जात बा
कबो कबो झगड़ा के नौबत आ जात बा ;
गंदा लड़ाकू मैसेज ग्रुप में भेजात बा
सौ सवाल के एक हीं बात बा ;
अब त पढ़ाई रसातल में जात बा
ऑनलाइन से…..
नोट- ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं, ऑनलाइन पढ़ाई
का विरोध मेरा मतलब नहीं है .
इनकी खामियां पर एक सूक्ष्म दृष्टि है.