Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2017 · 3 min read

ऐ हवा चल पहुँचा दे मेरी आवाज़ वहाँ

ताजमहल को देखते आगरा क़िले में क़ैद शाहजहां ने शायद ये भी सोचा होगा………

( मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब अपनी क्रूरता के लिए कुख़्यात हुआ। दारा शिकोह सहित अपने तीनों भाइयों को मौत के घाट उतार कर पिता शहंशाह शाहजहां को विलासता पर जनता का धन ख़र्चने ( ताजमहल का निर्माण सन 1632 में प्रारम्भ हुआ जोकि अगले 20 वर्षों में पूरा हुआ ) के आरोप में सन 1658 में आगरा के लाल क़िले ( मुग़ल सम्राट अक़बर द्वारा निर्मित 8 साल निर्माण कार्य चलने के बाद सन 1573 में बनकर तैयार हुआ ) में क़ैद कर अति मानव औरंगज़ेब गद्दी पर बैठा। शाहजहां द्वारा कराये गए ताजमहल के निर्माण का औरंगज़ेब ने तीखा विरोध किया था।

हालांकि मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के बारे में उल्लेख मिलते हैं कि वह अपने निजी ख़र्च के लिए टोपियाँ सिलने और क़ुरान की नक़ल ( कॉपी ) तैयार करने से हुई कमाई का उपयोग किया करता था।

आगरा के लाल क़िले से दक्षिण -पूर्व दिशा में( ढाई किमी ) यमुना के किनारे ताजमहल स्पष्ट दिखाई देता है। शहंशाह शाहजहां ने अपनी मृत्यु ( सन 1666 , आयु 74 वर्ष ) से पूर्व नज़रबंदी के लगभग साढ़े सात साल कैसे तन्हा रहकर गुज़ारे होंगे जिसने 30 साल ख़ुद शहंशाह का ताज पहनकर वक़्त की आती -जाती रौनकों को जिया हो……..

इंतक़ाल के बाद शाहजहां को भी ताजमहल में उनकी प्यारी बेग़म मुमताज़ महल ( जोकि सन 1631 में ख़ुदा को प्यारी हो गयी थीं ) की क़ब्र के बग़ल में दफ़नाया गया।

पेश है एक रचना जिसे मैं अपने कल्पनालोक में शाहजहां के जज़्बात कहूँगा। त्रुटियों के लिए क़लम के सरताज, कला के कद्रदां क्षमा करें ,उपयुक्त सुझाव दें …. – रवीन्द्र सिंह यादव )

ऐ हवा चल

पहुँचा दे मेरी आवाज़ वहाँ,

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। ….. (1)

दूरियां बन गयीं

ज़माने ने ढाया है क़हर ,

मैं यहाँ क़ैद क़िले में

दफ़न मेरी मुमताज़ वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। …….(2)

गुज़रेंगे लम्हात -ए -ज़िन्दगी

अपनी रफ़्तार लिए ,

तराने गुनगुनायेगी ज़ुबां

बजेंगे धड़कनों के साज़ वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। …… (3)

लोग ढूँढ़ेंगे दर्द-ओ -सुकूं

मोहब्बत की इस निशानी में,

देखने आएगी दुनिया

साहिल -ए -जमुना खड़ा है ताज वहां।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। …….(4)

वो दिन भी आएगा

हज़ारों दिल मलाल से भर जायेंगे,

सहेजेगी हुक़ूमत मेरे जज़्बात

खड़ा होगा समाज वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। …… (5)

मेरे जज़्बे को सलाम आयेंगे

सराहेंगे कद्रदां शिल्पकारों को,

प्यार नफ़रत से बड़ा होता है

कहेगा अफ़साना उनसे जो नहीं आज वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। ……..(6)

लिख देंगे एक प्यारी सी नज़्म

देखकर पुरनूर मंज़र ,

जब भी आएंगे….तड़पेंगे

क़लम के सरताज वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। ……..(7)

नज़र भी बेवफ़ा हो गयी है

आलम-ए -तन्हाई में ,

नए चश्म -ओ -चिराग़ होंगे

ज़माना करेगा नाज़ वहाँ ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। ……..(8)

जाने -अनजाने गुनाहों की

सज़ा मुझे देना मेरे मौला ,

तब इश्क की मासूमियत के

खुलेंगे धीरे-धीरे राज़ वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। ……..( 9 )

पास है जो ख़ज़ाना -ए -रौनक

लगा ले अपने दिल से ऐ “रवीन्द्र “,

यादों के पहलू में आकर

लोग परखेंगे वक़्त का मिज़ाज वहाँ।

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ।

ऐ हवा चल

पहुँचा दे मेरी आवाज़ वहाँ,

मुंतज़िर है कोई

सुनने को मेरे अल्फ़ाज़ वहाँ। ……. ……… (10 )

@रवीन्द्र सिंह यादव

शब्दार्थ ( Word -Meanings )

मुंतज़िर = किसी के इंतज़ार में , Waiting for somebody ,

अल्फ़ाज़ = शब्द , Words ,

क़हर =विपत्ति , Havoc ,

लम्हात – ए -ज़िन्दगी = ज़िन्दगी के लम्हे , क्षण , Moments of life ,

तराने = सुमधुर , सस्वर गीत , A kind of songs ,symphony ,

ज़ुबां = जीभ , Tongue ,

साज़ = वाद्य -यंत्र , Apparatus for music ,

दर्द -ओ सुकूं = पीड़ा और चैन , pain & relief ,

साहिल-ए -जमुना = यमुना नदी का किनारा , Bank of river Yamuna ,

ताज = मुकुट , Crown ,

मलाल = दुःख , Grief ,

हुक़ूमत = सत्ता ,शासन ,Governance ,

जज़्बात =भाव ,Emotions ,

जज़्बे = जज़्बा ,भाव , Emotion ,

कद्रदां = गुण , कला आदि परखने वाला , One who appreciate ,

शिल्पकार = कारीग़र ,शिल्पी ,Architect,

अफ़साना =क़िस्सा ,कहानी , Tale,fiction ,legend ,

नज़्म =कविता ,छंद ,गीत ,ग़ज़ल ,Poetry ,verse,

पुरनूर =बेहद चमकदार , Filled with light , very bright ,

मंज़र = दृश्य ,scene ,

क़लम = लेखनी ,Pen

क़लम के सरताज =शब्दों के जादूगर ( रचनाकार , शायर ,कवि ,लेखक आदि ) शब्द -शिरोमणि , अग्रगण्य ,Leader ,chief ,Poet ,Shayar ,

आलम-ए -तन्हाई = अकेलेपन की हालत , दशा , Stage of loneliness,

चश्म -ओ -चिराग़ = सबसे अधिक प्रिय , Loved one , Light of eyes.

नाज़ =गौरव,Pride

इश्क़ = प्यार ,LOVE ,

राज़ = रहस्य , Secret ,

मासूमियत = निर्विकार भाव की अवस्था ,Innocence,
ख़ज़ाना -ए -रौनक = ज़िन्दगी के खूबसूरत , उजले पलों का भंडार , Treasure of good time ,

पहलू =पक्ष ,सुखदायी आश्रय ,side ,shade ,

मिज़ाज = स्वभाव ,Temperament,

Language: Hindi
477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे कुछ देर सोने दो
मुझे कुछ देर सोने दो
हिमांशु Kulshrestha
Empty love
Empty love
Otteri Selvakumar
"मेहंदी"
Shashi kala vyas
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
अच्छे दिनों की आस में,
अच्छे दिनों की आस में,
Befikr Lafz
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
अर्चना मुकेश मेहता
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
3283.*पूर्णिका*
3283.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
आज बुढ़ापा आया है
आज बुढ़ापा आया है
Namita Gupta
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
Bundeli doha-fadali
Bundeli doha-fadali
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"मैं नारी हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
भरत कुमार सोलंकी
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
आज मेरिट मजाक है;
आज मेरिट मजाक है;
पंकज कुमार कर्ण
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
वो एक संगीत प्रेमी बन गया,
वो एक संगीत प्रेमी बन गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शिकवा ,गिला
शिकवा ,गिला
Dr fauzia Naseem shad
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
बेरोजगारी का दानव
बेरोजगारी का दानव
Anamika Tiwari 'annpurna '
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
Sanjay ' शून्य'
#अद्भुत_प्रसंग
#अद्भुत_प्रसंग
*प्रणय*
सबसे कम
सबसे कम
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
Loading...