ऐ! मजदूर तूं बेजोड़
ऐ! मजदूर तूं बेजोड़
इतना सुंदर भवन खड़ा है
इतने लंबे-चौड़े रोड़
ऐ! मजदूर तूं बेजोड़
दरियाओं पर बना के पुल
जोड़ दिए हैं दोनों छोर
ऐ! मजदूर तूं बेजोड़
वाहनों के जाम न लगते
ओवरब्रिज बने बेजोड़
ऐ! मजदूर तूं बेजोड़
जितने नवनिर्माण हुए हैं
सबमें लगा है तेरा जोर
ऐ! मजदूर तूं बेजोड़
-विनोद सिल्ला©